अगर आप भी अपनी सिम के नेटवर्क प्रॉब्लम से तंग आ गए हैं। बार-बार कस्टमर केयर वालों को कॉल करके भी अगर आपका मोबाइल नेटवर्क ठीक नहीं हो रहा है और अब आप अपनी सिम को पोर्ट करने की सोच रहे हैं, तो आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी से यह कार्य आसानी से कर सकते हैं। अपनी सिम को एक टेलीकॉम कंपनी से दूसरे टेलीकॉम कंपनी में पोर्ट करवाने की पूरी प्रोसेस आसान शब्दों में समझाई गई है।
सिम पोर्ट कैसे करें?
नोट: सिम पोर्ट करने के लिए आपके सिम कार्ड में रिचार्ज होना चाहिए क्योंकि सिम पोर्ट करवाते समय आपको एक मैसेज सेंड करना होता है। यदि आपकी सिम में रिचार्ज नहीं है तो पहले उसमें कोई रिचार्ज अवश्य कर लें इसके बाद ही नीचे बताये गये स्टेप्स को फॉलो करें।
सिम पोर्ट करने की विधि नीचे बताई गई है।
1: सबसे पहले अपने फोन में डिफॉल्ट मैसेज ऐप ओपन कर लें। अब मैसेज सेंड करने के लिए अपना इनबॉक्स खोलें।
2: अपने मैसेज बॉक्स में PORT लिखने के बाद एक स्पेस डालकर अपना मोबाइल नंबर लिखें।3: इसके बाद मैसेज को 1900 नंबर के ऊपर सेंड करें। अब आपके मोबाइल नंबर के ऊपर एक यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) आएगा। यह यूनिक पोर्टिंग कोड कुछ दिनों के लिए मान्य रहता है।
नोट: अगर आपका मोबाइल बिल पूरी तरह से पेड नहीं है तो हो सकता है कि आपके मोबाइल नंबर के ऊपर यह यूनिक पोर्टिंग कोड मैसेज ना आए। तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके सभी बिल पेड होने चाहिए।
4: इसके बाद आप जिस कंपनी में अपनी सिम को पोर्ट करवाना चाहते हैं उसे कंपनी के आउटलेट या सर्विस स्टोर के ऊपर जाएं।
5: आउटलेट या सर्विस स्टोर पर एक फॉर्म भरवाया जाएगा। आउटलेट या सर्विस स्टोर जाते समय अपना एक वैलिड आईडी प्रूफ अपने साथ जरूर लेकर जाएं। जैसे की आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी कार्ड।
6: इसके बाद आपका सिम दूसरे से में पोर्ट कर दिया जाएगा। सिम को पोर्ट होने में लगभग 2 से 3 दोनों का समय लगता है।
नोट: सभी सिम को पोर्ट करने के तरीका एक ही है। ऊपर दिए गए तरीके का इस्तेमाल करके आप किसी भी सिम को किसी दूसरे नेटवर्क में पोर्ट कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न;
UPC का पूरा नाम यूनिक वोटिंग कोड होता है। इस यूनिक पोर्टिंग कोड का इस्तेमाल आप की सिम को एक दूसरी टेलीकॉम नेटवर्क में पोर्ट करने के लिए किया जाता है
अगर आपके नंबर पर रिचार्ज किया हुआ है और आप active plan के दौरान ही अपने सिम को पोर्ट कर लेते हैं तो आप के sim में जो बैलेंस होगा वो निष्क्रिय हो जाएगा क्योंकि सिम पोर्ट के बाद आपका सिम एक तरह से देखा जाए तो नया हो जाएगा जिसमें आपको फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा। इसीलिए समझदारी यही है कि जब आपके active sim का plan खत्म हो जाए तो आपको सिम पोर्ट करवाना चाहिए।
MNP का पूरा नाम मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी है। एमएनपी की सहायता से आप अपने मौजूदा मोबाइल नंबर को एक टेलीकॉम नेटवर्क से किसी भी दूसरे टेलीकॉम नेटवर्क में पोर्ट कर सकते हैं। इससे आपको अपना मोबाइल नंबर चेंज करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
अगर आपके नंबर पर रिचार्ज किया हुआ है और आप active plan के दौरान ही अपने सिम को पोर्ट कर लेते हैं तो आप के sim में जो बैलेंस होगा वो निष्क्रिय हो जाएगा क्योंकि सिम पोर्ट के बाद आपका सिम एक तरह से देखा जाए तो नया हो जाएगा जिसमें आपको फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा। इसीलिए समझदारी यही है कि जब आपके active sim का plan खत्म हो जाए तो आपको सिम पोर्ट करवाना चाहिए।